महिलाओं में यू.टी.आई-कारण और इलाज
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन यानी यू.टी.आई महिलाओं में होने वाली एक आम समस्या है । आमतौर पर करीब करीब हर महिला को जीवन में कभी न कभी इस समस्या से जूझना पड़ता है। गर्भावस्था और
पीरियड्स के दौरान यूरीन इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है । यूरीन इन्फेक्शन होने पर पेशाब के दौरान असहनीय जलन होना, पेशाब का रंग पीला पड़ना, बहुत बदबू आना आदि और गंभीर संक्रमण के दौरान पेशाब में खून भी नज़र आ सकता है | बुखार, थकान ,शरीर में दर्द विशेष रूप से पीठ के निचले हिस्से में दर्द इसके आम लक्षण हैं। समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो इसका सीधा असर हमारी किडनी पर पड़ता है |
यू.टी.आई के सामान्य कारण :
1. लम्बे समय तक पेशाब रोक कर रखना
बहुत बार यह देखा जाता है की महिलाएँ जब घर से बाहर जाती है तो कई कई घंटे उन्हें पेशाब रोक कर रखना पड़ता है। शर्म ,संकोच अथवा साफ़ सुथरे पब्लिक टॉयलेट का अभाव, कारण कुछ भी हो सकता है लेकिन इससे महिलाओं के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। यूरीन रोकने से उसमें बैक्टीरिया पैदा हो जातें हैं और यह संक्रमण का कारण बनता है।
2. साफ़ सफाई का ध्यान न रखना
महिलाओं की शारीरिक संरचना ऐसी होती हैं, जिससे उनमें यूरीन इन्फेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। यदि महिलाएँ अपने शरीर विशेष रूप से योनि की सफाई का ध्यान नहीं रखती हैं तो उन्हें आसानी से यह संक्रमण अपनी चपेट में ले लेता है। पीरियड्स और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है ।
3. स्वास्थ्य संबंधी अन्य समस्या होने पर
आमतौर पर जब कोई लम्बी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा होता है तो उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है इस कारण यू.टी.आई होने की संभावना बढ़ जाती है । इसी प्रकार यदि आपको डायबिटीज है तो आपको विशेष सावधानी रखने की ज़रूरत है | क्योंकि इससे अन्य बीमारियों के साथ आपको यूरीन इन्फेक्शन भी हो सकता है। रीढ़ की हड्डी में चोट अथवा कोई अन्य समस्या भी यूरीन इन्फेक्शन का कारण हो सकती है।
यूटीआई से बचने के आसान उपाय
- आदतों में करें बदलाव
यदि आपको यूरीन इन्फेक्शन हो गया है तो सबसे पहले तो आप खूब पानी पीना शुरू करें | यदि प्यास नहीं भी लगी है तब भी पानी पीजिए | दही छाछ का सेवन बढ़ा दें। नारियल पानी, निम्बू पानी, आँवला, संतरें, तरबूज़, अंगूर का सेवन जूस के रूप में भी कर सकतें हैं| चावल का पानी भी इसमें लाभ पहुँचा सकता है। मतलब पानी के साथ साथ तरल पदार्थों का भरपूर सेवन कर आप इस संक्रमण से बच सकते हैं । पेशाब को लम्बे समय तक रोकने की आदत में करें बदलाव ।
- साफ़ सफाई का रखें ध्यान
महिलाएँ साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रख कर इससे बच सकती हैं जैसे जहाँ तक हो ढीले ढाले सूती कपड़े पहनें| सूती ,आरामदायक पेंटी का चयन करें | जिसे दिनभर में 2 बार ज़रूर बदलें। रोज़ नहाइए और अपनी योनि की सफाई का भी ध्यान रखें । गीले पैड का उपयोग न करें, पीरियड्स के समय दिन में 2 से 3 पैड बदलें, सेक्स करने के बाद पानी ज़रूर पिएँ और योनि को साफ़ करने की आदत डाल लें | यदि पब्लिक टॉयलेट में जा रहें हैं तो कोशिश करें की इंडियन तरीके का टॉयलेट हो। घर का बाथरूम भी साफ़ सुथरा रखें ।
- दादी नानी के नुस्ख़े भी अपनाइए
हमारे घर के किचन में ही ढेर सारी बीमारियों का इलाज छिपा हुआ है| इसी प्रकार दादी-नानी के घरेलू नुस्ख़े भी हमारी छोटी मोटी बीमारियों में राहत दे सकते हैं। देसी नुस्खें अपना कर आप यूरीन इन्फेक्शन से आसानी से बच सकते हैं ।
यदि आपको कोई अन्य बीमारी है तो विशेष सतर्कता की ज़रूरत है। तमाम सावधानी बरतने और घरेलू इलाज के बाद भी यदि आपकी समस्या बनी रहती है, तो किसी डॉक्टर की सलाह लें । DocsApp पर आपको तुरंत ऑनलाइन सहायता मिल सकती है| महिलाओं
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