डिप्रेशन के कारण और निदान

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अवसाद या डिप्रेशन एक मानसिक स्वास्थ्य स्तिथि है। आज डिप्रेशन एक बहुत ही सामान्य समस्या बन चुका है | बड़ी संख्या में किशोर और युवा वर्ग इसकी चपेट में तेज़ी से आ रहे हैं। कई बार डिप्रेशन से ग्रस्त इंसान का पता लगाना बेहद आसान होता है और कितनी ही बार इस बात का अंदाजा लगाना भी मुश्किल हो सकता है| आमतौर पर बहुत अधिक या बहुत कम भोजन करना, अकेले रहना, हमेशा नींद आना, आत्मविश्वास में कमी, उदास रहना, थकान, एकाग्रता में कमी, किसी काम में दिलचस्पी नहीं लेना आदि इसके सामान्य लक्षण हैं| जब डिप्रेशन की समस्या अधिक बढ़ जाती है तो व्यक्ति में आत्महत्या के विचार भी आने लगते हैं। आइए जानते हैं डिप्रेशन होने के कारण --

डिप्रेशन के कारण

1. भावनात्मक रूप से कमज़ोर होना

कुछ लोग भावनात्मक रूप से बहुत कमज़ोर होते हैं। छोटी छोटी बातों को वे बहुत महत्व देते हैं। यदि उनके साथ कोई अनचाही घटना हो जाए तो वे डिप्रेशन में चले जाते हैं। रिश्तों का टूटना, किसी प्रिय की मृत्यु, से वे लम्बे समय तक उभर नहीं पाते, धीरे धीरे यह स्थिति उन्हें डिप्रेशन की ओर ले जाती है।

2. बढ़ता दबाव

आज के कॉम्पीटीशन भरे युग में छोटी उम्र से ही बच्चों पर दबाव बना दिया जाता है|  पढ़ाई के दिनों में अच्छे नंबर का दबाव, अच्छी नौकरी का दबाव, नौकरी में तरक्की का दबाव, घर परिवार की परेशानियाँ और भी बहुत कुछ। जीवन भर इसी दबाव में लोग जीते हैं, कुछ लोग छोटी उम्र में ही घर के माहौल के कारण डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं।

3. अनुवांशिक कारण

कुछ लोगों के परिवार में डिप्रेशन का इतिहास रहता है। यदि इस तरह का कोई अनुवांशिक कारण किसी के परिवार में हो तो, घर के अन्य सदस्यों का अवसाद में जाना मुमकिन है |

4. बिमारी और नशे से भी हो सकता है डिप्रेशन

कई बार जब लम्बे समय तक कोई बिमार रहता है तो उसमें डिप्रेशन होने की संभावना बढ़ जाती है। इसी प्रकार शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करने वाला आसानी से डिप्रेशन की चपेट में आ सकते हैं |

डिप्रेशन से उबरने के तरीके

  1. मानसिक और शारीरिक व्यायाम

योग, प्राणायाम, मेडिटेशन डिप्रेशन से निकलने में काफ़ी मदद करते हैं। यह आपको मानसिक तौर पर मज़बूत बनाते हैं| इसी प्रकार शारीरिक व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल कर हम अपने स्वास्थ्य को मज़बूत करने के साथ साथ डिप्रेशन से भी बच सकते हैं।

2. नकारात्मक लोगों से बनाइए दूरी

नकारात्मकता का हमारे जीवन पर अत्यंत प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, इसलिए हमेशा नकारात्मक विचारों और ऐसे लोगों से दूरी बनाएँ जो हमेशा नकारात्मक बातें करते हैं।

3. अपनी समस्या साझा करें

ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका कोई समाधान न हो। इसलिए अपनी समस्या से भागने कि बजाय हिम्मत के साथ उसका सामना कीजिए | घबराइए नहीं, बल्कि अपने करीबियों से समस्या के बारे में विस्तार से बातचीत करें। यदि किसी प्रकार की कोई झिझक हो तो आप DocsApp के ज़रिए ऑनलाइन भी अपनी समस्या पर बात कर सकते हैं।

4. हॉबी को दीजिए समय  

जीवन की आपाधापी में आप अपने शौक कहीं पीछे छोड़ देते हैं। डिप्रेशन से निकलने में आपकी पुरानी हॉबी बहुत मदद कर सकती है। संगीत सुनिए, शर्म छोड़ कर खुल कर नाचिए। बस थोड़ा समय निकालिए और अपना शौक फिर से शुरू कीजिए।

5. भरपूर नींद लें और संतुलित भोजन खाएँ

कम से कम 8 घंटे की गहरी और आरामदायक नींद आपको डिप्रेशन से निकलने में मदद पहुँचा सकती है। फ़ास्ट फ़ूड या तीखे तले भोजन की बजाय संतुलित आहार को अपने जीवन का हिस्सा बनाइए। समय पर सोने समय पर जागने जैसी संतुलित दिनचर्या अपनाना भी डिप्रेशन नियंत्रण में मददगार हो सकता है।

6. परिवार का सहयोग भी है ज़रूरी  

यदि आपके परिवार में भी कोई डिप्रेशन से पीड़ित है तो उनके साथ समय बिताइए, बातचीत करें ,पूरा परिवार साथ बैठ कर भोजन कीजिए | कहीं घूमने भी जाया जा सकता है। आपके थोड़े से साथ ,सहयोग से पीड़ित को डिप्रेशन से निकलने में बहुत मदद हो सकती हैं।

यदि समस्या बढ़ रही है तो आप विशेषज्ञ से अवश्य  सम्पर्क  कीजिए | Docsapp भी ऑनलाइन आपकी मदद को सदैव तत्पर है। जान लीजिए कि जीवन में उतार चढ़ाव तो होते ही रहते हैं। कोई भी स्थिति स्थाई नहीं होती | इसलिए ज़िंदगी का मज़ा लें,भरपूर जिएँ |


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