डिलीवरी डेट कैसे पता करते हैं
डिलीवरी डेट कैसे पता करते हैं (Delivery date kaise pata karein)
यदि आपने गर्भावस्था परीक्षण लिया है और यह सकारात्मक प्रतीत होता है, तो आप सोच रहे होंगे कि आगे क्या होता है। यही वह जगह है जहां ड्यू डेट कैलकुलेटर या ड्यू डेट प्रेडिक्टर आता है।
आपकी अंतिम अवधि और चक्र की लंबाई के बारे में कुछ बुनियादी जानकारी का उपयोग करके, हमारा गर्भावस्था कैलकुलेटर आपको अपनी अनुमानित नियत तिथि (EDD- उर्फ जब आप अपने बच्चे से मिल सकते हैं) का पता लगाने में मदद कर सकता है। यह जानकारी उपयोगी है यदि आप गर्भ धारण करने की कोशिश शुरू करने से पहले बच्चे की नियत तिथि के बारे में सोच रहे हैं।
- मैं कितनी दूर हूं ?
गर्भवती होने का पता चलने के बाद आपके पास शायद पहले प्रश्नों में से एक यह है कि "मैं कितनी गर्भवती हूं? दिलचस्प बात यह है कि गर्भावस्था के दौरान बच्चे की उम्र को मापने के दो तरीके हैं - गर्भकालीन आयु / भ्रूण (foetus) की उम्र - लेकिन स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता आमतौर पर गर्भकालीन आयु का उपयोग केवल इसलिए करते हैं क्योंकि इसे अधिक सटीक माना जाता है।
प्रेगनेंसी नौ महीने या फिर यूँ कहें की 40 सप्ताह की खूबसूरत प्रक्रिया है जो महिला को मां बनने का सुख प्रदान करती है। डिलीवरी डेट का पता लगाना काफी आसान है । आमतौर पर प्रसव की संभावित तारीख निकालने के लिए आपके पिछले मासिक धर्म के पहले दिन में 280 दिन या 40 सप्ताह जोड़ दिए जाते हैं।
यहां आपको इस बात का ध्यान रखना है की आपके पीरियड्स और ओव्यूलेशन को गिना जाता है। इसलिए अगर आपके शिशु का जन्म 40वें सप्ताह में बताई हुई तारीख पर होता है तो वह 40 सप्ताह का नहीं बल्कि 38 सप्ताह का होगा।
- डिलीवरी डेट क्या है –
जिस डेट पर आपके शिशु के जन्म की संभावना है उसे डिलीवरी डेट यानी की प्रसव की नियत तारीख कहा जाता है। यह आपके गर्भधारण के पहले दिन से बिलकुल 38 सप्ताह के बाद की होती है। लेकिन कई बार आपकी शारीरिक परिस्थिति, शिशु के विकास या दूसरे कारणों की वजह से डॉक्टर आपकी डिलीवरी डेट में बदलाव भी कर सकते हैं।
आपकी डिलीवरी डेट की मदद से डॉक्टर को काफी चीजों का फैसला करने में मदद मिलती है। इसमें
- डिलीवरी से पहले परीक्षण का समय तय करना,
- भ्रूण का अनुमान लगाना और सबसे खास,
- डिलीवरी की डेट निकल जाने पर क्या एक्शन लेना या नहीं लेना है आदि तय करना शामिल है।
कई बार शिशु का विकास डिलीवरी डेट को तय करता है। शिशु के स्वस्थ और वजनदार होने की स्थिति में आपकी डिलीवरी डेट कुछ दिन पहले भी सकती है। खैर, जैसे जैसे आपकी प्रेगनेंसी का समय आगे बढ़ता है, डॉक्टर शिशु के विकास को अल्ट्रासाउंड के जरिए देखते रहते हैं ताकि आप या आपके शिशु को किसी तरह की कोई परेशानी होने से पहले ही उसे रोका जा सके।
- डिलीवरी डेट कैसे पता करते हैं -
हर डॉक्टर अलग अलग विधियों के इस्तेमाल से इसका पता लगाते हैं। लेकिन कुछ विधियां कॉमन हैं जिनके बारे में हम नीचे बात कर रहे हैं -
- नैजेल का नियम
डिलीवरी डेट का पता लगाने के लिए नैजेल के नियम को काफी प्रभावशाली माना जाता है। यह नियम जर्मन की प्रसूति विशेषज्ञ फ्रांज कार्ल नैजेल के नाम पर रखा गया है। इस नियम के अनुसार, एक मासिक धर्म 28 दिनों के लिए होता है और प्रेगनेंसी 280 दिनों की होती है। इसका मतलब यह हुआ की आपकी आखिरी मासिक धर्म के पहले दिन में 280 दिन यानी की नौ महीने और 7 दिन जोड़कर आपकी डिलीवरी डेट का अनुमान काफी आसानी से लगाया जा सकता है।
लेकिन यहां ध्यान देने वाली बात यह है की अगर आपका मासिक धर्म छोटा है। जैसे की 27 दिन का तो आपको एक दिन कम जोड़ना होगा, यानी की 9 महीने और 6 दिन और अगर आपका मासिक चक्र लंबा है तो फिर आपको एक्स्ट्रा दिन जोड़ना पड़ेगा। इस विधि का इस्तेमाल करने समय अगर आपको किसी तरह की कोई दिक्कत आती है तो आप डॉक्टर से मिलकर उनकी मदद ले सकती हैं।
- प्रेगनेंसी व्हील
प्रेगनेंसी व्हील को एक गर्भ कैलकुलेटर के रूप में भी जाना जाता है। प्रेगनेंसी व्हील एक छोटा सा कैलेंडर हैं जो आपके आखिरी मासिक धर्म (LMP) की मदद से आपकी डिलीवरी डेट निर्धारित करने में मदद करता है।प्रेगनेंसी व्हील पर सबसे पहले आप अपनी आखिरी मासिक चक्र की तारीख का पता लगाती हैं। फिर जब आप उस स्थिति को इंडिकेटर से जोड़ती हैं तो व्हील आपकी डिलीवरी डेट को दिखाता है।
- गर्भधारण की तारीख
इस विधि को आखिरी मासिक धर्म विधि (LMP) के नाम से भी जाना जाता है। इस विधि के अनुसार ज्यादातर महिलाओं का मासिक धर्म 28 दिनों का होता है और ओव्यूलेशन के प्रक्रिया 14वें दिन या फिर उसके आस पास होती है। उस तारीख में 40 सप्ताह जोड़े जाते हैं जिस तारीख को आपका आखिरी मासिक धर्म हुआ था। अब इस तारीख से आप डिलीवरी डेट की तारीख प्राप्त करने में दो सप्ताह का समय कम कर दें। क्योंकि यह ओव्यूलेशन का समय है जो आपकी आखिरी मासिक धर्म के बाद शुरुआती दो सप्ताह के अंदर है।
निष्कर्ष
डिलीवरी डेट एक अनुमान है जिसके सच होने की संभावना 5% से भी कम होती है। अपनी डिलीवरी डेट पर पूरी तरह से निर्भर होकर अपने या अपने शिशु के लिए प्लानिंग करने से बचना चाहिए। कई बार आपकी सेहत, शिशु के विकास या दूसरे कई कारणों की वजह से डॉक्टर आपकी डिलीवरी डेट को आवश्यकता के अनुसार घटाते या बढ़ाते हैं। मेडीबडी आपको हर कदम पर मदत करता है| मेडीबडी में डॉक्टर के साथ मरीज के लिए अपॉइंटमेंट बुक करना और मरीज की अच्छे से देखभाल करने के लिए एक केयर बड्डी मुहैया कराना आदि शामिल है।
यदि आप डिलीवरी डेट जानना चाहते हैं या यदि आप स्त्री रोग विशेषज्ञ की तलाश कर रहे हैं तो आप हमें कॉल कर सकते हैं या फिर अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
Q1) क्या होगा अगर मुझे अपनी एलएमपी या गर्भाधान की तारीख नहीं पता है?
Ans. डॉक्टर एक चेक-अप करेगी और आपको अल्ट्रासाउंड स्कैन कराने की सलाह देगी। स्कैन दिखाएगा कि आप गर्भावस्था में कितनी दूर हैं और अपनी नियत तारीख निर्धारित करें।
Q2) यदि मुझे आईवीएफ है तो मेरी नियत तिथि की गणना कैसे की जाती है?
Ans यदि 5 दिन का भ्रूण स्थानांतरण किया गया था, तो अपनी स्थानांतरण तिथि से 261 दिनों की गणना करें। यदि 3 दिन का भ्रूण स्थानांतरण था, तो 263 दिनों की गिनती करें।
Q3) गर्भावस्था की नियत तारीखें कितनी सही हैं?
Ans. आपकी नियत तिथि गणना हमेशा अनुमानित होती है, चाहे वह हमारे उपकरण से हो या आपके डॉक्टर से।
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