पाइल्स और फिशर के लिए क्रीम

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पाइल्स और फिशर के लिए क्रीम

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व्यक्ति की सेहत में उतार चढ़ाव आम बात होती है। ऐसे में कभी जीवनशैली तो कभी कुछ दवाओं के लगातार सेवन के चलते कब्ज या दस्त की समस्या होने लगती है। इस समस्या के बिगड़ जाने से पाइल्स या फिशर हो सकता है। कई बार यह समस्या उम्र के साथ भी दस्तक देने लगती है। ऐसे में मल मार्ग पर असहजता और तकलीफ का सामना करना पड़ता है। पाइल्स और फिशर की इस असहजता को दूर करने के लिए चिकित्सक मल मार्ग पर कुछ क्रीम लगाने की सलाह देते हैं। पाइल्स और फिशर की इन क्रीम और ऑएंटमेंट में हाइड्रोकॉर्टिसन होता है जो मल मार्ग यानी एनस या रेक्टम में होने वाली जलन और असहजता को कम करने का काम करता है।

पाइल्स क्या है?

पाइल्स को हीमोरॉएड्स भी कहते हैं। रेक्टम या एनस में मौजूद नलियों में सूजन आने के कारण इस समस्या का सामना करना पड़ता है। पाइल्स एनस के अंदरूनी या बाहरी दोनों भागों में हो सकता है। नलियों में सूजन के कारण इस स्थान पर टिशू बढ़ने लगते हैं जो मस्से का रूप ले लेते हैं। इनके आकार और स्थान के हिसाब से पाइल्स का ग्रेड तय किया जाता है। अगर आप पाइल्स की इस समस्या से राहत पाना चाहते हैं तो आपको पाइल्स के लिए कुछ क्रीम और ऑएंटमेंट का सहारा लेना होगा। इसके अलावा चिकित्सक आपको कुछ दवाएं और घोल पीने की सलाह भी दे सकते हैं। आप पाइल्स को आप इन लक्षणों से पहचान सकते हैं:

·         मल में खून आना

·         मल मार्ग में जलन और असजता

·         मल निकालने में समस्या

पाइल्स के कारण

·         लगातार होने वाली दस्त या कब्ज की समस्या

·         भारी वजन उठाना

·         गर्भावस्था

·         डाएट में फाइबर की कमी

·         मोटापा

·         बढ़ती उम्र

·         खराब मेटाबॉलिजम

फिशर क्या है?

पाइल्स के बिगड़ जाने या लगातार बने रहने से व्यक्ति को फिशर की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में मल मार्ग या एनस में अंदर या बाहर की तरफ क्रैक आ जाते हैं या यूं कहें वहां चोट हो जाती है जिससे खून रिसने लगता है। इस स्थिति में व्यक्ति को पाइल्स से ज्यादा दर्द और असहजता महसूस होती है। बाजार में फिशर के लिए कुछ सॉफ्ट क्रीम मौजूद हैं जो आपको इस समस्या से राहत दिला सकती हैं।

पहचाने फिशर के लक्षण

·         मल निकालते समय क्रैक के कारण होने वाली जलन

·         मल न निकालने पर भी एनल से ताजा खून आना

·         एनस में खुजली की समस्या

फिशर के कारण

·         सख्त मल निकालना

·         मल निकालते समय जोर लगाना

·         बच्चा पैदा करते समय जोर लगाना

·         लगातार डायरिया होना

पाइल्स के लिए क्रीम और ऑएंटमेंट

अगर आप भी पाइल्स से परेशान हैं तो बाजार में मौजूद कुछ क्रीम आपको राहत दे सकती हैं। हम आपको इन क्रीम के उपयोग से पहले चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह देते हैं। यहां जाने कि पाइल्स में आप कौन सी क्रीम लगा सकते हैं।

·         रेक्टीकेयर एनोरेक्टल क्रीम

अगर पाइल्स की शुरूआती स्थिति है तो रेक्टीकेयर एनोरेक्टल क्रीम आपको राहत दे सकती है। इससे एनस में होने वाली खुजली, जलन और दर्द में आराम आता है। इस क्रीम में बेंजाएल एलकोहल, कारबोमर 940, इसोप्रोफाइल मेरिस्टेट, कोलेस्ट्रॉल और पॉलीसोर्बेट 80 होता है।

पतली त्वचा पर लगाने पर इस क्रीम से जलन महसूस हो सकती है।

·         शील्ड रेक्टल ऑएंटमेंट

पाइल्स की इस क्रीम में एलेंटॉएन नाम का एक्टिव इंग्रीडिएंट होता है। साथ ही इसमें जिंक ऑक्साइड, हाइड्रोकॉर्टिसन और लिडोकेन होता है। शील्ड रेक्टल ऑएंटमेंट पाइल्स के उन मरीजों के लिए होती है जिन्हें पाइल्स के साथ स्किन एग्जिमा और अन्य त्वचा संबंधी समस्याएं भी हैं।

इसे लगाने से त्वचा लाल हो सकती है, व्यक्ति को देखने में समस्या हो सकती है या चक्कर आने की समस्या हो सकती है।

·         ट्रोनोलेन हेमोरॉएड क्रीम

पाइल्स की इस क्रीम में बी वैक्स, ग्लीसरीन, मिथइलपैराबीन, प्रोपेल पैराबीन जैसी सामग्रियां होती हैं। इस क्रीम को लगाने से त्वचा सुन्न हो जाती है जिस कारण व्यक्ति को पाइल्स की असहजता से त्वरित राहत मिलती है। इस क्रीम न तो चिपचिपी होती है और न ही इसकी महक खराब होती है।

फिशर के लिए क्रीम

फिशर में एनस छिल जाता है और लगातार खून आने की समस्या होने लगती है। ऐसे में चोट को भरने वाली फिशर की क्रीम और ऑएंटमेंट की जरूरत होती है। इसके साथ ही चिकित्सय आपको कुछ दवाओं का सेवन करने की सलाह भी दे सकते हैं। जानिए कि फिशर जैसी समस्या में आप कौन सी क्रीम लगा सकते हैं।

·         पाइल्स और फिशर के लिए लिग्नोकेन जेल

लिग्नोकेन हाइड्रोक्लोराइड जेल पाइल्स और फिशर दोनों समस्याओं में राहत देता है। इसे लगाने से एनस और रेक्टम में होने वाली खुजली, जलन और सूजन से जल्द से जल्द राहत मिलती है। साथ ही यह मल को आसानी से निकलने में भी मदद करता है। फिशर की इस क्रीम को दिन में दो बार या चिकित्सकीय सलाह के अनुसार लगाना चाहिए।

·         एनोवेट क्रीम

एनोवेट क्रीम भी पाइल्स और फिशर दोनों समस्याओं से राहत देती है। इसे लगाने से रेक्टम की नलियों में होने वाली जलन से राहत मिलती है। साथ ही फिशर की यह क्रीम एनस में होने वाले घाव को जल्द भरने का काम भी करती है। इसे लगाते समय व्यक्ति को थोड़ी असजता महसूस हो सकती है।

निष्कर्ष

पाइल्स और फिशर की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि यह आपकी जीवनशैली को प्रभावित कर सकती है। अगर आप भी पाइल्स की समस्या से राहत पाना चाहते हैं तो अपने शहर में मेडीबडी से संपर्क कर सकते हैं। मेडीबडी में डॉक्टर के साथ मरीज के लिए अपॉइंटमेंट बुक करना, हॉस्पिटल में उनकी जगह सभी पेपर वर्क पूरा करना, और मरीज की अच्छे से देखभाल के लिए एक केयर बडी मुहैया कराना आदि शामिल है। अगर आप भी पाइल्स और फिशर के बारे में और जानना चाहते हैं तो हमें कॉल कर सकते हैं या फिर अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

पाइल्स और फिशर की क्रीम के अलावा और कौन सा उपचार किया जाता है?

क्रीम के अलावा पाइल्स और फिशर के उपचार के लिए चिकित्सक आपको दर्द की दवा जैसे एस्प्रिन या आईबू्रफेन दे सकते हैं साथ ही मल को पतला करने की दवा भी दे सकते है जिससे मल निकालते समय एनस में घाव होने और असहजता की संभावना कम हो सकते।

पाइल्स और फिशर में सर्जरी भी होती है?

हां, पाइल्स और फिशर में बैंडिंग, स्कलेरोथेरेपी, इंफ्रारेड कोएगुलेशन, हीमोरॉएडेक्टॉमी, हीमोरॉएड स्टेपलिंग सर्जरी की जाती है।

Reference Links:

https://www.medfin.in/blog/general-surgeries/piles/best-creams-for-piles/

https://www.medicalnewstoday.com/articles/239454#what-are-piles

https://www.healinghandsclinic.co.in/fisher-disease-a-painful-misnomer/