बवासीर का योग द्वारा उपचार, बवासीर के इलाज के लिए योग

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बवासीर का योग द्वारा उपचार  (Yoga for piles)

पाइल्स, जिसे बवासीर के नाम से भी जाना जाता है, आम बीमारी है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है| विशेषज्ञों के अनुसार बवासीर मूल रूप से ऐसी स्थिति है, जहां आपके निचले गुदाशय के पास नसों में सूजन आ जाती है।

यह समस्या पुराने दस्त, कब्ज, गर्भावस्था, मल त्याग करते समय तनाव, या भारी वजन उठाने के कारण उभरती है। तमाम उपचार और नुस्खों के अलावा व्यायाम बवासीर को ठीक करने के साथ-साथ रोकने में भी मदद कर सकता है।

यहां हम आपको ऐसे 5 व्यायाम बता रहे हैं, जिन्हें करने से बवासीर में बहुत आराम मिलेगा। ।

  योग पोज -

                          विवरण:

         

            कैसे करें -

1 ) बाउंड एंगल पोज -

यह योग में किए जाने वाले व्यायामों में से एक है। बाउंड एंगल पोज आपकी आंतरिक जांघों को मजबूत करते हुए निचले शरीर के लचीलेपन को बढ़ाने का काम करता है। यह मुद्रा आंतरिक अंगों को उत्तेजित करने और बवासीर के दौरान होने वाली पेरशानी से राहत दिलाती है। हालांकि इसके लिए सीधे फर्श पर बैठने से बचें क्योंकि बवासीर की स्थिति में ज्यादा दर्द और जलन महसूस हो सकती है।

इस एक्सरसाइज को करने के लिए कुशन या कंबल पर बैठ जाएं। अब अपनी पीठ को सीधा रखें और पैरों के तलवों को एक दूसरे को घुटनों से फैलाते हुए छूएं।अपनी उंगलियों को पैरों की उंगलियों के चारों ओर घुमाएं और थोड़ा सा फैलाएं। इस स्थिति में लगभग एक मिनट तक रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को रिलेक्स करें।

​2) चाइल्ड पोज - 

यह आपके गुदा के आसपास ब्लड सकुर्लेशन को बढ़ाने के लिए बेहतरीन व्यायाम है, जो कब्ज से राहत दिलाता है। बच्चे की मुद्रा आपकी पीठ, कूल्हों और पैरों को आराम देती है। यह स्थिति आंतरिक अंगों के काम करने की क्षमता को बढ़ाती है। 

इसे करने के लिए अपने हाथों को घुटनों पर और कूल्हों को एड़ियों पर रखकर बैठें। ऐसा करने के बाद अपनी बाहों को आगे बढ़ाएं जब तक की आपका सिर जमीन को ना छू ले। 5 मिनट तक इस स्थिति में बने रहें। 

3) लैग अप वॉल पोज -

यह आसन या मुद्रा आपके निचले शरीर में ब्लड सकुर्लेशन को बढ़ावा देने के लिए बताई जाती है। लेग अप वॉल पोज पाइल्स से होने वाली परेशानी और जलन से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।


इस आसन को करने के लिए सबसे पहले दीवार के पास लेट जाएं। अब अपने कूल्हों को लगभग दीवार से छूते हुए रखें और पैरों को दीवार के सामांतर रखें। अब अपने हाथों को अपने शरीर के बगल में एक आरामदायक स्थिति में रखें। इसके बाद धीरे -धीरे गहरी सांस लेते हुए और छोड़ते हुए पेट की हल्की मालिश करें। ऐसा 15 मिनट तक करते रहें।

4) विंड रिलीविंग पोज -

इसे हवा से राहत देने वाला पोज भी कहते हैं। यह मुद्रा आपके पेट पर दबाव देती है जिससे पाचन स्वास्थ्य में सुधार होता है। यह मुद्रा आपके नितंबों और गुदा की मांसपेशियों को आराम देती है। 

इस को करने के लिए पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाएं।अब अपने एक घुटने को मोड़ें और इसे अपनी छाती की ओर खींचें।अपनी स्थिति को बनाए रखने के लिए हाथों को अपनी पिंडलियों के चारों ओर रखें। बेहतर पकड़ के लिए विपरीत कोहनियों को पकड़ें।इस पोजीशन को कम से कम 1 मिनट तक होल्ड करें। यही काम अपने दूसरे घुटनों से भी करें। 

5) पेल्विक फ्लोर संकुचन - 

इस एक्सरसाइज को करके आप पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियों को मजबूत बना सकते हैं। यह गुदा दबाने वाले यंत्र को आराम देने के साथ तनाव से बचाएगी। यह मल त्याग को आसानी से पास करने और बवासीर की स्थिति को रोकने का काम करते हैं।


इस को करने के लिए सबसे पहले पीठ के बल सीधे लेट जाएं। फिर अपनी गुदा की मांसपेशियों को सिकोड़ें। इस स्थिति को 5 मिनट तक होल्ड करें और मांसपेशियों को रिलेक्स करें। इसे 5 बार दोहराएं।

बवासीर और दरारों के लिए योग- आसन -

  • पवनमुक्तासन -

इसे पेट की गैस को निकालने के लिए ज्यादातर किया जाता है। यदि आपको बवासीर हो गया है, तो प्रतिदिन नियम से पवनमुक्तासन करना आपके लिए बहुत लाभदायक साबित होगा। ऐसा करने से आपकी यह समस्या कुछ ही दिनों में ठीक हो जाएगी।

  • बालासन -

इसे प्रतिदिन करने से शरीर में रक्त संचार बढ़ता है और कमर दर्द में भी आराम पहुंचता है। इसे करके गैस, एसिडिटी,कब्ज और बवासीर की समस्या को दूर किया जा सकता है।

  • सर्वांगासन -

बवासीर के मरीज इसे करते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि पैरों को ऊपर एकदम झटके से न ले जाएं। धीरे-धीरे अपने शरीर की क्षमता के अनुसार ही इस आसन का अभ्यास करें।

योग करते समय  सावधानियां -

  • ब्लड प्रेशर या अस्थमा के मरीज को कुछ योगासनों से बचना चाहिए।
  • हमेशा खाली पेट या फिर खाना खाने के 4-5 घंटों के बाद योग करें।
  • गर्भवती महिलाओं को उन्हीं योगासनों को करना चाहिए जिसमें उन्हें ज्यादा मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ती है।

हम उम्मीद करते हैं की इस ब्लॉग को पूरा पढ़ने के बाद आपने बवासीर को ठीक करने वाले योगआसनों के बारे में अच्छे से समझ गए होंगे। अगर आप या आपका कोई भी परिचित बवासीर की समस्या से पीड़ित हैं तो योग करने के साथ-साथ जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलकर समस्या को स्थायी रूप से ठीक कर सकें। बवासीर के डॉक्टर के लिए आपको इधर उधर भटकने की जरूरत नहीं है क्योंकि मेडीबडी  के पास बवासीर को जड़ से खत्म करने वाले अनुभवी डॉक्टरों की पूरी टीम उपलब्ध है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –

Q1 .बवासीर के लिए कौन से योग आसन नहीं करने चाहिए ?

ध्यान रखें बवासीर के लिए कोई भी व्यायाम को चुनने की गलती न करें। ये दर्द, जलन और रक्तस्त्राव का कारण बन सकते हैं। इसलिए इस दौरान पेट और गुदा के पास के हिस्से को प्रभावित करने वाली एक्सरसाइज जैसे स्क्वाट, सिटअप, वेट लिफ्टिंग, साइकिलिंग और हॉर्स राइडिंग से बचना चाहिए।

Q2. बद्ध कोणासन कैसे करना चाहिए ?

यह बवासीर के लिए एक और योग आसन है जो आपकी आंतरिक जांघों, कमर और घुटनों को मजबूत और फैलाने में मदद कर सकता है| अपनी उंगलियों को अपने पैर की उंगलियों के चारों ओर लपेटते हुए अपनी रीढ़ को सीधा करें, अपने पैरों को चौड़ा फैलाएं और अपने पैरों को आरामदायक स्थिति में एक साथ रखें। अपने शरीर को एक मिनट तक इसी स्थिति में रखें।

Q3.  प्राणायाम कैसे करें ?

  • आंखें बंद करके पद्‍मासन (पालथी) मारकर बैठ जाएं।
  • शांत चित के साथ 2.5 सेकेंड तक सांस अंदर ले और2.5  सेकेंड में ही धीरे धीरे सांस छोड़े।
  • सांस लेते समय यह विचार करें कि आप सकारात्मक ऊर्जा ले रहे हैं।

Reference Links -

https://harshhospital.in/yoga-for-piles-in-hindi/