पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु। बवासीर के लिए एक्यूप्रेशर थेरेपी
पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर बिंदु
पाइल्स के ग्रसित व्यक्ति के एनस यानी गुदे में मस्से बन जाते हैं, जिसमें काफी तेज दर्द का सामना करना पड़ता है। साथ ही पाइल्स या बवासीर की वजह से मरीज को चलने, बैठने और दैनिक जीवन के सभी कार्यों को करने में परेशानी होती है। कुछ मरीजों को मल त्यागने के दौरान मल में खून आता है।
बवासीर के कारण :-
- कब्ज
- मल पास करने में तनाव
- मल त्याग करने के लिए लंबे समय तक दबाव देना
- मोटापा
- गर्भवती महिलाओं
लक्षण :
- दर्द और रक्तस्राव
- गुदा में खुजली और परेशानी
- गुदा के खुलने के स्थान पर गांठ महसूस होना।
- मल पारित करने के बाद नीचे धोने में कठिनाई या असुविधा
एक्यूप्रेशर क्या है -
एक्यूप्रेशर स्वस्थ जीवन जीने और बवासीर जैसे स्वास्थ्य के मुद्दों से छुटकारा पाने का एक प्राकृतिक तरीका है। एक्यूप्रेशर सिर्फ मांसपेशियों पर दबाव डालना नहीं है | दर्द से राहत प्रदान करने के लिए इसे एक विशिष्ट तरीके से मैनिपुलेट किया जाता है। शरीर पर नॉन-स्पेसिफिक प्रेशर डालने के लिए ढेरों तरीके मौजूद हैं जिसमें रगड़ना, मालिश करना या दबाव एप्लाई करना शामिल है।
शरीर के एक्यूप्रेशर पॉइंट पर दबाव डालने के लिए एक्यूप्रेशर विशेषज्ञ अपनी उंगलियों, हथेलियों, कोहनियों या पैरों का इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर बवासीर और फिशर के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट एक जैसे होते हैं, इसलिए विशेषज्ञ से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है।
पाइल्स के लिए एक्यूप्रेशर पॉइंट -
समय अवधि -
एक्युपंक्चर का एक सेशन 40-60 मिनट का होता है और एक बार में 15-20 पॉइंट्स पर पंक्चर किया जाता है। एक्युप्रेशर में हर पॉइंट को दो-तीन मिनट दबाना होता है। आमतौर पर 3-4 सेशन में असर दिखने लगता है और 15-20 सिटिंग्स में पूरा आराम आ जाता है। हालांकि इलाज लंबा भी चल सकता है। एक सिटिंग के 500 से 1000 रुपये तक लिए जाते हैं।
फ़ायदे -
बवासीर की समस्याओं को दूर करने के लिए यह सभी प्वाइंट्स आपके लिए लाभकारी हो सकते हैं। इन प्वाइंट्स को दबाने से न सिर्फ पाइल्स की परेशानी दूर होती है, बल्कि कई अन्य समस्याएं भी दूर हो सकती हैं। इससे पेट की परेशानी, पेशाब में कठिनाई, गर्भाशय में ऐंठन, पेचिश, एडिमा जैसी परेशानी से राहत पाया जा सकता है।
हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आप स्वयं से एक्यूप्रेशर नहीं कर पा रहे हैं, तो इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
एक्यूप्रेशर इलाज में सावधानी
1) गर्भवती महिलाओं को एक्यूप्रेशर नहीं कराना चाहिए |
2) बुखार या दस्त से पीड़ित लोगों को एक्यूप्रेशर नहीं कराना चाहिए|
3) लंबे समय से बवासीर से पीड़ित वृद्ध लोगों के लिए एक्यूप्रेशर नहीं है।
पाइल्स में ध्यान देने वाली बातें -
अगर आप खुद को बवासीर की समस्या से दूर रखना चाहते हैं तो कुछ चीजों को ध्यान में रखना जरूरी है। साथ ही अपनी दैनिक जीवन में इनका पालन करना भी आवश्यक है।
- जैसे की ज्यादा मिर्च, मसाला और तेल वाली चीजों को खाने से बचें। क्योंकि इनकी वजह से आपको गैस,पाइल्स और कब्ज की समस्या हो सकती है।
- भूख नहीं लगने की वजह से आपकी कब्ज की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है। ज्यादा कब्ज होने की वजह से स्टूल सख्त यानि की टाइट और मोटा हो जाता है फिर जब आप इसे पास करते हैं तब आपके एनस पर प्रेशर पड़ता है। प्रेशर पड़ने की वजह से एनस की स्किन छील जाती है जिसकी वजह से बवासीर होने का खतरा और अधिक बढ़ जाता है।
- ज्यादातर समय आप अपने ऑफिस या घर में बैठे ही रहते हैं। लंबे समय तक बैठने या खड़े होने की वजह से एनस के आसपास की नसों में प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से उनमे सूजन आ जाती है।
- इसके अलावा, सौच के समय भी लंबे समय तक बैठने तथा प्रेशर या तनाव के कारण ये नसें सूज जाती है। कोशिश करें की आप लंबे समय तक ऑफिस, घर या शौचालय में न बैठें।
- भारी समान उठाने से एनस की नसों पर प्रेशर पड़ता है जिसकी वजह से उनमें सूजन आ जाती है। इसलिए ज्यादा भारी समान न उठाएं।
निष्कर्ष -
अगर आप अपने बावासीर की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाना चाहते हैं तो अपने शहर में मेडीबडी से संपर्क कर सकते हैं। मेडीबडी में डॉक्टर के साथ मरीज के लिए अपॉइंटमेंट बुक करना, हॉस्पिटल में उनकी जगह सभी पेपरवर्क पूरा करना, और मरीज की अच्छे से देखभाल करने के लिए एक केयर बड्डी मुहैया कराना आदि शामिल है।
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपको किस ग्रेड का बवासीर है और उसके एक्यूप्रेशर इलाज कैसे करें, तो आप हमें कॉल कर सकते हैं या फिर अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न –
प्र1 - बवासीर कितने वर्षों तक रहता है?
उत्तर- बवासीर के लिए कोई निर्धारित अवधि नहीं है। छोटे बवासीर कुछ दिनों के भीतर बिना किसी उपचार के साफ हो सकते हैं। बड़े, बाहरी बवासीर को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है और महत्वपूर्ण दर्द और असुविधा हो सकती है। यदि बवासीर कुछ दिनों के भीतर हल नहीं हुआ है, तो उपचार के लिए डॉक्टर को देखना सबसे अच्छा है।
प्र2- स्वयं देखभाल के क्या विकल्प हैं?
उत्तर- स्व-देखभाल विकल्प नियमित आंत्र आदतें हैं| मल प्रतिरोधी व्यवहार से बचें। पर्याप्त पानी और आहार में फाइबर का सेवन । रेचक का उपयोग। ये दवाएं हैं जो मल को नरम करने और इसकी निकासी में मदद करती हैं।
प्र3 - सर्जरी के लिए कब जाना है? यदि ऑपरेशन नहीं किया जाता है तो जटिलता क्या होगी?
उत्तर- ग्रेड I और II बवासीर आमतौर पर चिकित्सकीय रूप से प्रबंधित किए जाते हैं। चिकित्सा उपचार से कोई राहत नहीं होने पर लेजर सर्जरी के साथ उनका इलाज किया जा सकता है। ग्रेड III और IV का आमतौर पर शल्य चिकित्सा द्वारा इलाज किया जाता है।
Reference Links:
https://www.myupchar.com/disease/piles/acupressurehttps://navbharattimes.indiatimes.com/other/sunday-nbt/just-life/-/articleshow/7165922.cms